पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर छेड़छाड़ के आरोप लगाने वाली पीड़िता का कहना है कि वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से न्याय की गुहार लगाएंगी। बता दें कि एक दिन पहले ही राज्यपाल ने खुद पर लगे आरोपों पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए राजभवन परिसर के सीसीटीवी वीडियो दिखाए थे। पीड़िता का कहना है कि लोगों को वीडियो दिखाने के दौरान उनकी पहचान छिपाई नहीं गई। उन्होंने दावा किया कि इस मामले में कोलकाता पुलिस से मदद की कोई उम्मीद नहीं है। इसलिए, वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग करेंगी।

गौरतलब है कि राजभवन में संविदा पर नियुक्त महिला कर्मचारी ने राजभवन में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कोलकाता पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई थी। महिला की शिकायत के आधार पर कोलकाता पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एसईटी का गठन किया है। बोस ने बुधवार को कहा था कि वे सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग कोलकाता पुलिस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नहीं दिखाएंगे।
खबर के मुताबिक पुलिस ने राजभवन के कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन पहले दिन कोई पेश नहीं हुआ। राज्यपाल ने भी कथित तौर पर कर्मचारियों को निर्देश दिया था कि इस मामले में पुलिस का सहयोग नहीं करना है। बुधवार को राजभवन से जारी बयान में आरोप लगाया गया था कि पुलिस मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देशों के तहत काम कर रही है। ऐसे में वह संबंधित सीसीटीवी फुटेज इन दोनों को छोड़कर 100 लोगों को दिखाने के लिए तैयार है।