नासा ने सूर्य की सतह पर शुक्रवार और शनिवार को हुए दो विस्फोटों को रिकॉर्ड किया है. इस दौरान सूर्य से फ्लेयर्स (Solar Flare) भी निकले. NASA के सोलर डायनेमिक्स ऑब्ज़र्वेटरी ने ये नाजारा कैद किया. NASA ने एक बयान में कहा 10-11 मई, 2024 को सूर्य से दो फ्लेयर्स निकले. 10 मई, रात्रि 9:23 बजे, EDT और 11 मई को सुबह 7:44 बजे, EDT पर ये चरम पर थे. NASA के सोलर डायनेमिक्स ऑब्ज़र्वेटरी ने घटनाओं की तस्वीरें खींचीं. जिन्हें X5.8 और X1.5 श्रेणी के फ्लेयर्स के रूप में वर्गीकृत किया गया है. ये तस्वीरे नासा ने एक्स पर पोस्ट की.
तकरीबन 21 साल बाद आए इतने शक्तिशाली तूफान से वैज्ञानिक खुद हैरान और परेशान हैं. सिर्फ इसरो ही नहीं बल्कि NOAA स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर ने भी इसकी पुष्टि की है. इसमें बताया गया है कि सूरज पर अभी और विस्फोट होने की संभावना है. यदि लगातार ऐसा होता रहता है तो यह धरती की संचार प्रणाली और जीपीएस सिस्टम के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है.
क्या होते हैं सौर तूफान ?
सौर तूफान का अर्थ सूरज की सतह पर होने वाले विस्फोटों से लगाया जाता है जो कई लाख किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से वायुमंडल में फैलते हैं. यह सौर तूफान अंतरिक्ष के कणों को अवशोषित करते हुए आगे बढ़ते हैं और जब ये धरती से टकराते हैं तो सैटेलाइट नेटवर्क, टीवी, रेडियो संचार और जीपीएस सिस्टम को प्रभावित करते हैं. इन्हें दो क्लास में बांटा जाता है, एक M क्लास और एक X क्लास, इन्हें सौर लहर भी बोलते हैं.
NOAA ने अलर्ट जारी किया है। की कई कोरोनल मास इजेक्शन धरती की ओर बढ़ रहे हैं। इनमें से पहले के लिए NOAA का अलर्ट जारी किया जा चुका है। सौर धमाकों के बाद अंतरिक्ष में अलग ही नजारा देखा गया। धरती पर सौर तूफानों का असर कई बार आसमानी रोशनी के रूप में देखा जाता है। इन धमाकों के बाद दुनियाभर में अंतरिक्ष में रोशनी का खेल देखा गया। इसे ऑरोरा कहते हैं जो धरती के वायुमंडल में बिखर जाती है। इस दौरान आसमान गुलाबी, हरी, और बैंगनी रंग की छटाओं से घिर जाता है। यूरोप से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक ऑरोरा की घटनाएं आसमान में देखे जाने की बात सामने आई है।