केपी शर्मा ओली ने आज चौथी बार नेपाल के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। नेपाल की सबसे बड़ी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने रविवार को नेपाल का प्रधान मंत्री नियुक्त किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली को नेपाल का प्रधानमंत्री नियुक्त होने पर बधाई दी और कहा कि वह दोनों देशों के बीच दोस्ती को और मजबूत करने के लिए उनके साथ मिलकर काम करने को लेकर उत्साहित हैं।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीपीएन-यूएमएल पार्टी के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली को पीएम बनने पर बधाई दी है। मोदी ने दोनों देशों के बीच मैत्री के गहरे संबंधों को और मजबूत करने तथा परस्पर सहयोग को और बढ़ाने के लिए साथ मिलकर काम करने की उम्मीद जताई है। ओली के पीएम बनने ने भारत की दिलचस्पी को नेपाल की राजनीति में बढ़ा दिया है। इसकी वजह ये है कि ओली को चीन समर्थक माना जाता है।
कौन हैं केपी शर्मा ओली
1952 में जन्मे ओली 12 साल की उम्र में ही राजनीति में आ गए. मार्क्स और लेनिन से प्रभावित थे तो कम्युनिस्ट राजनीति में गए. 14 वर्षों तक जेल में भी रहे. बाद में नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी का गठन किया. ओली 1991 में एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी के नेता बने. बाद में दोनों पार्टियों को मिलाकर की स्थापना की गई थी. 2006 से 2007 तक वे उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री रहे. पहली बार 2015 में वह नेपाल के पीएम बने, हालांकि 2016 में ही वह सरकार से बाहर हो गए. 2018 में फिर से एक बार वह पीएम बने. लेकिन ये सरकार भी 2021 तक ही चली. अब वह तीसरी बार पीएम बनने जा रहे हैं. हालांकि, ओली सरकार के कार्यकाल में ही विवादित नक्शा जारी किया गया था जिसके बाद भारी विवाद हुआथा.