गगनयान मिशन का इंतजार कर रहे भारत को मंगलावर को बड़ी खुशखबरी मिली है। केरल के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को चुने गए चार एस्ट्रोनॉट्स से रूबरू कराया। भारतीय वायुसेना के इन वीरों को अंतरिक्ष में जाने के लिए चुना गया है। गगनयान मिशन के लिए सैकड़ों पायलटों का टेस्ट हुआ था. इसके बाद उसमें से 12 चुने गए. ये 12 तो पहले लेवल पर आए. इनका सेलेक्शन इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (IAM) में किया गया. इसके बाद कई राउंड के सेलेक्शन प्रोसेस पूरा किया गया. तब जाकर ISRO और वायुसेना ने चार टेस्ट पायलट के नाम फाइनल फाइनल किए.
पीएम मोदी ने जिन नामों का ऐलान किया उनमें फायटर पायलट प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और शुभांशु शुक्ला शामिल हैं. इनमें प्रशांत केरल के पलक्कड़ के नेनमारा के मूल निवासी हैं, जो वायु सेना ग्रुप कैप्टन के रूप में कार्यरत हैं. ये चारों एस्ट्रोनॉट भारत में हर तरह के फाइटर जेट्स उड़ा चुके हैं. इसलिए फाइटर जेट्स की कमी और खासियत जानते हैं. इन सभी की ट्रेनिंग रूस के जियोजनी शहर में स्थित रूसी स्पेस ट्रेनिंग सेंटर में हुई है. अभी ये सब बेंगलुरु के एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फैसिलिटी में रहकर ट्रेनिंग ले रहे हैं.
यह भी देखे : https://youtube.com/@Aapkeliye_24
गगनयान अंतरिक्ष में भारत का पहला मानव मिशन होगा
इसरो ने 2020 में गगनयान मिशन का ऐलान किया था. गगनयान अंतरिक्ष में भारत का पहला मानव मिशन होगा. भले ही इसरो ने 2020 में इसका ऐलान किया, लेकिन इस पर काम 2007 से चल रहा है. हालांकि, तब बजट में कमी के चलते यह आगे नहीं बढ़ पाया था. इसरो के पास तब शक्तिशाली GSLV रॉकेट इंसानों को ले जाने में सक्षम नहीं थे.
2014 में इसरो ने इसके लिए GSLV मार्क 2 रॉकेट बनाया. हालांकि, इसरो ने GSLV मार्क 3 रॉकेट के जरिए गगनयान मिशन की तैयारी की है. इसी रॉकेट से चंद्रयान लॉन्च हुआ था. 15 अगस्त 2018 को पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से ऐलान किया था कि जल्द ही भारत इंसानों को अंतरिक्ष में भेजने का प्रोग्राम लॉन्च करेगा. अंतरिक्ष
हमारे साथ व्हाट्सअप पे जुड़े : https://whatsapp.com/channel/0029Va905pbIt5rrkgtqTI2x
गगनयान मिशन के तहत भारतीय स्पेस एजेंसी 400 किमी के ऑर्बिट में छू सदस्यों को भेजने की तैयारी कर रही है। इस मिशन के जरिए एस्ट्रोनॉट्रा को तीन दिनों के लिए भेजा जाएगा और धरती पर सुरक्षित लैंडिंग कराई जाएगी। पहला मानवरहित मिशन ग्रानी G1 2024 की दूसरी तिमाही में हो सकता है। गगनयान को 2025 में लॉन्च किया जाना है. इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में इसरो ने श्रीहरिकोटा से गगनयान स्पेसक्रॉफ्ट को लॉन्च किया था. यह परीक्षण यह जानने के लिए किया गया था कि क्या रॉकेट में खराबी की स्थिति में एस्ट्रोनॉट सुरक्षित रूप से बच सकते हैं. अंतरिक्ष