केरल के वायनाड जिले में भारी बारिश के बाद हुए भयानक भूस्खलन ने तबाही मचा दी है। मेप्पाडी के पास अलग-अलग पहाड़ी इलाकों में मंगलवार तड़के भूस्खलन हुए हैं। मुंदकई और चूरलमाला शहर में सैकड़ों घर, गाड़ी और दुकानें पानी में डूब गए। इस हादसे में 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों फंसे हुए हैं।
वायनाड में सोमवार देर रात से जारी भारी बारिश मंगलवार तड़के आफत बनकर बरसी। बड़े पैमाने पर भूस्खलन होने के चलते 41 लोगों की मौत हो गई, जबकि 70 लोग बुरी तरह से जख्मी हुए हैं। हादसा इतना बड़ा था कि राज्य सरकार के आग्रह पर सेना को भी मौके पर भेजा गया है और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इस आपदा के चलते अपने मनोरम दृश्यों के लिए मशहूर मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांवों की तस्वीर बदल गई है और अन्य हिस्सों से उनका संपर्क टूट गया है। राज्य के वन मंत्री एके ससींद्रन ने कहा, ‘हालात गंभीर हैं l
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘केरल के वायनाड में भूस्खलन के कारण कीमती जानों के नुकसान से बहुत दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। सभी की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रार्थना करता हूं।’
पहाड़ियों से लुढ़कते बड़े-बड़े पत्थर बचावकर्मियों के रास्ते में बाधा पैदा कर रहे हैं। बचाव कार्यों में जुटे लोगों को भारी बारिश के बीच शवों और घायलों को एम्बुलेंस तक ले जाते हुए देखा जा सकता है। भूस्खलन की घटनाओं के कारण बड़े पैमाने पर पेड़ उखड़ गए हैं और बाढ़ के पानी ने हरे-भरे क्षेत्रों को नष्ट कर दिया है। प्राधिकारियों ने बताया कि वायनाड जिले में भूस्खलन के कारण तीन बच्चों समेत आठ लोगों की मौत हो गई है। वायनाड जिला प्राधिकारियों के अनुसार, एक बच्चे समेत चार लोगों की मौत चूरलमाला शहर में हुई, जबकि थोंडरनाड गांव में एक नेपाली परिवार के एक वर्षीय बच्चे की जान जाने की खबर है।