जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की गतिविधियां देख नजर आता है कि उन्होंने अपना फोकस और पैटर्न दोनों बदल दिये हैं. आतंकी अब कश्मीर की जगह जम्मू पर फोकस कर रहे हैं. साथ ही ये हाई वैल्यू टारगेट पर अटैक कर रहे हैं, ताकि सुर्खियां बटोरी जा सकें. सोमवार शाम जम्मू-कश्मीर के डोडा में सेना और आंतकियों के बीच हुई मुठभेड़ में सेना के एक अधिकारी समेत 4 जवान शहीद हो गए हैं. ये मुठभेड़ अबतक जारी है, और पूरे इलाके की घेराबंदी कर ली गई है. सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस का ये साझा ऑपरेशन था. सूचना है कि डोडा के घने जंगलों में कुछ आतंकी छिपे हो सकते हैं. पिछले कुछ दिनों में जम्मू में ऐसी आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं और आतंकी संगठन नाम बदलकर हमलों की जिम्मेदारी ले रहे हैं. डोडा हमले की जिम्मेदारी भी ‘कश्मीर टाइगर्स’ ने ली है.
बता दें कि जम्मू के डोडा जिले में सोमवार देर रात भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने अचानक हमला बोल दिया. आतंकवादियों की सूचना मिलते ही सेना मौके पर पहुंची और मुठभेड़ शुरू हो गई. इस एनकाउंटर में गंभीर रूप से घायल हुए एक अधिकारी समेत सेना के चार जवानों की मंगलवार (16 जुलाई, 2024) को मौत हो गई. आधिकारिक सूत्रों ने 4 मौतों की जानकारी दी है.
सेना के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह के जवानों ने रात करीब पौने आठ बजे देसा वन क्षेत्र के धारी गोटे उरबागी में संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हुई. आतंकियों की गोली से हमारे जवान घायल हुए.
डोडा के देसा वन क्षेत्र में चलाया तलाशी अभियान
अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह के जवानों ने सोमवार देर शाम डोडा शहर से लगभग 55 किलोमीटर दूर देसा वन क्षेत्र में धारी गोटे उरारबागी में एक संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया, जब मुठभेड़ हुई।
उन्होंने बताया कि कुछ देर तक गोलीबारी के बाद आतंकवादियों ने भागने की कोशिश की, लेकिन एक अधिकारी के नेतृत्व में जवानों ने चुनौतीपूर्ण इलाके और घने जंगल के बावजूद उनका पीछा किया। इसके बाद सोमवार रात करीब नौ बजे फिर से मुठभेड़ हुई। अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ में पांच जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। अधिकारी समेत चार की बाद में मौत हो गई।