गुजरात के पंचमहल जिला में तीर्थ स्थल पावागढ़ से बड़ी खबर सामने आई है. तीर्थ स्थल पावागढ़ में श्वेतांबर जैन मूर्तियों को क्षतिग्रस्त करने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। वहीं इस मामले से जैन समाज में काफी आक्रोश है. विकास के नाम पर दोनों तरफ की हजारों साल पुरानी जैन तीर्थंकर प्रतिमाओं को तोड़कर फेंके जाने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है.

धर्म स्थल पावागढ़ में जैन मूर्तियां को क्षतिग्रस्त पहुंचने पर सूरत शहर के जैन मुनि साधु और साध्वी सभी लोग मध्य रात्रि सूरत शहर के जिला अधिकारी को आवेदन पत्र दिया गया जिसमे जिसमें सभी साधु और उनके मानने वाले चाहिता सभी लोग रात भर जिलाधिकारी के दरवाजे पर बस उसी उम्मीद में सो गए की सुबह तक हमारी बात प्रशासन तक पहुंच जाए और उन लोगों को घड़ी से कड़ी सजा मिले जो हमारे हजारों साल पुरानी जैन तीर्थंकर प्रतिमाओं फेकने का काम किया है l
इस घटना के बाद सूरत के जैन समाज में काफी गुस्सा फूट पड़ा है. इस बीच घटना की गंभीरता को लेकर गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि ‘हमने जैन तीर्थंकरों की मूर्तियों को पुनर्स्थापित करने का आदेश दिया है. ऐतिहासिक थीं ये मूर्तियां इस मामले में राज्य सरकार के प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेष पटेल ने कहा है कि ‘यह मामला हमारे संज्ञान में आया है. हमने ब्योरा मांगा है।’
जिनागम रतन महाराज कहते हैं कि सरकार और गृहमंत्री पर भरोसा नही है यह सरकार पहले भी थी यही सरकार आज भी है, अगर हमारे साधु की मूर्ति को फिर से स्थापित नहीं किया गया तो हमारा समाज सत्ता में रहे सरकार का विरोध करेगा l
पावागढ़ तीर्थ विकास समिति का कहना है कि पावागढ़ पहाड़ी पर मंदिर तक जाने के लिए पुरानी सीढ़ियाँ हैं। गोखला के दोनों ओर 22वें तीर्थंकर नेमिनाथ भगवान सहित 7 मूर्तियां हजारों वर्षों से स्थापित हैं। जैन लोग वहां प्रतिदिन सेवा पूजा के लिए जाते हैं। 20 दिन पहले इस पुरानी सीढ़ी को तोड़ने का काम शुरू किया गया था। उस वक्त, जैनियों ने कलेक्टर और एएसआई को एक शिकायत सौंपी थी, जिसमें यह आशंका व्यक्त की गई थी कि तोड़फोड़ की प्रक्रिया में जैन तीर्थंकरों की मूर्तियों को नुकसान पहुँचाया जाएगा। ये मूर्तियाँ संरक्षित स्मारक हैं।