यूपी में योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा वाले मार्ग पर दुकानदारों और ढाबा मालिकों को दुकान के आगे नेम प्लेट लगाने का आदेश दिया है जिसके बाद इसकी खूब आलोचना हो रही है. विपक्षी दलों ने जहां इस फैसले को समाज को बांटने वाला बताते हुए इसका विरोध किया है वहीं एनडीए के सहयोगी दलों में भी इसको लेकर अलग-अलग राय है.
केंद्र में मंत्री और भाजपा के सहयोगी पार्टी LJP के अध्यक्ष चिराग पासवान ने मुजफ्फरपुर पुलिस के नेमप्लेट वाले आदेश का विरोध किया है। इस आदेश का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि वो जाति या धर्म के नाम पर भेद किए जाने का समर्थन नहीं करेंगे। चिराग पासवान ने कहा, ‘मैं 21वीं सदी का पढ़ा-लिखा युवा हूं और मेरी लड़ाई ही जातीयता और सांप्रदायिकता के खिलाफ है। ऐसे में मैं इतनी हिम्मत तो रखता हूं कि बिहार के मंच पर खड़ा होकर इस बात को बोल सकूं। मैं इसे नहीं मानता हूं, तो जहां पर भी ऐसे विभाजन चाहे जातीयता के नाम पर हो या धर्म के नाम पर हो, मैं बिल्कुल भी उसका समर्थन नहीं करता हूं और ना ही उसको बढ़ावा देना चाहता हूं।
मांझी ने इस फैसले से जुड़े विवाद को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में यूपी सरकार का समर्थन किया. पार्टी प्रमुख मांझी ने कहा, ‘मैं अन्य दलों के लिए नहीं बोल सकता, लेकिन मुझे इस तरह के आदेश में कुछ भी गलत नहीं दिखता, अगर व्यवसायों में शामिल लोगों को अपना नाम और पता प्रमुखता से प्रदर्शित करने के लिए कहा जाता है तो इसमें नुकसान क्या है?
केंद्रीय मंत्री मांझी ने कहा, ‘वास्तव में, नेम प्लेट से खरीदारों के लिए पसंदीदा स्टॉल देखना आसान हो जाता है. इस मामले को धर्म के चश्मे से देखना गलत है. बता दें कि इस मुद्दे पर मांझी का रुख बिहार के एक अन्य दलों से अलग है.