आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में तेलुगू देशम पार्टी (TDP) को प्रचंड बहुमत मिला है। टीडीपी ने 135 सीटों पर जीत दर्ज की है। अब 12 जून को पार्टी सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। मंगलवार को एनडीए के सीएम उम्मीदवार के तौर पर नायडू के नाम पर सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से मोहर लगाई। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे।

चर्चा है कि नायडू के साथ पवन कल्याण डिप्टी CM पद की शपथ ले सकते हैं। इसके अलावा TDP महासचिव और नायडू के बेटे नारा लोकेश और जनसेना नेता एन मनोहर के भी शपथ लेने की संभावना है। नायडू के मंत्रिमंडल में TDP को 20, जनसेना को तीन और भाजपा को दो मंत्री पद मिल सकता है। नायडू शपथ ग्रहण के दिन अमरावती को राज्य की राजधानी बनाने का ऐलान कर सकते हैं। 2 जून को हैदराबाद को तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी रखने के लिए 10 साल का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया। अभी आंध्र देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसकी कोई राजधानी नहीं है।
आंध्र प्रदेश विधानसभा में कुल 175 सीटें हैं। चुनाव में चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगू देशम (टीडीपी) को प्रचंड बहुमत मिला। टीडीपी ने 135 सीटों पर कब्जा किया। आठ सीटों पर भाजपा और 21 पर जनसेना को जीत मिली। सत्तारूढ़ दल वाईएसआरसीपी को सिर्फ 11 सीटों से ही संतोष करना पड़ा।
एन. चंद्रबाबू नायडू ने ससुर एनटीआर से की थी बगावत
एन. चंद्रबाबू नायडू के बारे में सभी को पता है कि उन्होंने अपने ससुर एनटी रामाराव (NTR) से बगावत करके टीडीपी पर कब्जा किया था और संयुक्त आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। बहुत कम लोगों को वो किस्सा पता है, जब इस बगावत का पहला एक्शन देखने को मिला था। यह बात उस समय की है, जब एनटीआर ने एक बड़े मंच से हजारों समर्थकों के सामने लक्ष्मी पार्वती से शादी करने का एलान किया था। इससे पहले तक एनटीआर के परिवार को इस रिश्ते के बारे में पता था और अंदरखाने विरोध चल रहा था।