भारत की समुद्री सीमा में अब तब की सबसे बड़ी ड्रग्स की खेप पकड़ी गई है। भारतीय नौसेना ने इंडियन कोस्ट गार्ड्स और गुजरात एटीएस के साथ संयुक्त ऑपरेशन में 3300 किलोग्राम ड्रग पकड़ा है। ड्रग की इस बड़ी खेप की बरामदगी गुजरात के पाेरबंदर के पास भारतीय समुद्री सीमा में हुई है। इस ड्रग्स की इंटरनेशनल मार्केट वैल्यू 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा होने का अनुमान है, लेकिन जखीरे के लिहाज से अब तक का सबसे बड़ा ड्रग्स कंसाइनमेंट हैं
अधिकारियों का कहना है कि अब तक की किसी भी कार्यवाही में जब्त किये गये मादक पदार्थ की यह सबसे बड़ी खेप है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस संयुक्त कार्यवाई को ‘‘ऐतिहासिक सफलता’’ और देश को मादक पदार्थ मुक्त बनाने की दिशा में केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया है। अधिकारियों ने बताया कि जब्त किये गये मादक पदार्थों में 3,089 किलोग्राम चरस, 158 किलोग्राम ‘मेथामेफटामाइन’ और 25 किलोग्राम ‘मॉर्फिन’ शामिल हैं।
नौसेना ने सोशल मीडिया मंच पर पोस्ट में कहा, ‘‘ किसी भी कार्रवाई में जब्त किए गये मादक की पदार्थ की यह अब तक की सबसे बड़ी खेप है। एनसीबी के साथ मिलकर भारतीय नौसेना के मिशन के तहत तैनात निगरानी तंत्र के सम्मलित प्रयासों से यह संभव हुआ।’’ दिल्ली में एनसीबी ने कहा कि एजेंसियों के संयुक्त दल ने ‘‘एक और अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया और देश में अब तक की सबसे अधिक विदेशी जब्ती (मात्रा के लिहाज से) की।
नौका से गिरफ्तार किए गए पांचों लोगों के या तो ईरानी या पाकिस्तानी नागरिक होने का संदेह है। एनसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उनके पास से नागरिकता का कोई दस्तावेज बरामद नहीं हुआ है। अधिकारी ने प्रतिबंधित सामग्री की कीमत नहीं बताई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक किलो चरस की कीमत सात करोड़ रुपये है। गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि राज्य तट के पास समुद्र में अभियान के दौरान एक नौका से बड़ी मात्रा में चरस (हशीश) सहित कई तरह के मादक पदार्थ जब्त किये गये।