मक्का में 52 डिग्री तक पहुंचा पारा, भीषण गर्मी से 500 से ज्यादा हजयात्रियों की मौत

इस साल भारत में भयंकर गर्मी का प्रकोप देखने को मिल रहा है. वहीं सऊदी अरब में भी गर्मी का कहर देखने को मिल रहा है. आलम ये है कि भीषण गर्मी के सितम के बीच हज के दौरान कम से कम 550 तीर्थयात्रियों की मौत हुई है. मरने वालों में कम से कम 323 मिस्र के नागरिक थे, जिनमें से ज्यादातर की मौत गर्मी से संबंधित दिक्कतों की वजह से हुई. एक रायनयिक ने कहा कि मिस्र के 323 हज यात्रियों में सिवाय एक को छोड़कर सभी की मौत गर्मी की वजह से हुई है. वहीं एक हज यात्री भीड़ के दौरान घायल हो गया. यह आंकड़ा मक्का के पास अल-मुआइसम में अस्पताल के मुर्दाघर से आया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी स्टेट टीवी ने बताया है कि सोमवार को मक्का में ग्रैंड मस्जिद की शेड में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस (125.2 फारेनहाइट) दर्ज किया गया। भीषण गर्मी में हाजियों को खुद को स्वस्थ रखना चुनौती बन रहा है। ये चुनौती आने वाले वर्षों में और ज्यादा बढ़ सकती है। जर्नल ऑफ ट्रैवल एंड मेडिसिन के 2024 की एक रिसर्च के अनुसार गर्मी से निपटने की जो रणनीति दुनियाभर में बन रही हैं, बढ़ता वैश्विक तापमान उन रणनीतियों से आगे निकल सकता है। इसका सीधा असर सऊदी जैसे गर्म देश पर होगा।

मंगलवार को मिस्र के विदेश मंत्रालय ने कहा कि काहिरा हज के दौरान लापता हुए मिस्र के लोगों की तलाश के लिए सऊदी अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है। जबकि मंत्रालय के बयान में कहा गया कि कुछ निश्चित संख्या में मौतें हुई हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया कि उनमें मिस्र के लोग भी शामिल हैं या नहीं। सऊदी अधिकारियों ने गर्मी से पीड़ित 2,000 से अधिक तीर्थयात्रियों का इलाज करने की सूचना दी है, लेकिन रविवार से उस आंकड़े को अपडेट नहीं किया है और मौतों के बारे में जानकारी नहीं दी है।

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