उत्तर प्रदेश में हार के बाद एक्शन में आई योगी सरकार- तबादला नीति को मिली मंजूरी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में तबादला नीति 2024-25 को मंजूरी दे दी गई है. लोकसभा चुनाव के बाद योगी कैबिनेट की पहली बैठक हुई. इसमें नई तबादला नीति समेत 41 प्रस्तावों पर मुहर लगी है. इसमें से 26 प्रस्ताव जल संसाधन मंत्रालय के हैं. सरकार की यह पहली पेपरलेस कैबिनेट बैठक रही. सभी मंत्री टैबलेट के साथ पहुंचे.

कैबिनेट से तबादला नीति मंजूर होने के बाद आज ही शासनादेश जारी करने की तैयारी है। इस बार विभागाध्यक्षों को सिर्फ 19 दिन ही तबादले का अधिकार रहेगा। सभी विभागाध्यक्ष 30 जून तक ही कर सकेंगे। जिले में तीन और मंडल में सात साल वाले तबादले के दायरे में आएंगे। नई नीति के तहत समूह ‘क’ और ‘ख’ कर्मचारियों की कुल संख्या के अधिकतम 20 प्रतिशत तक तबादले किए जा सकेंगे। वहीं समूह ‘ग’ और ‘घ’ के कार्मिकों की संख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत तक तबादले करने की अनुमति होगी। नई नीति में यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर कोई विभाग समूह ग और घ में निर्धारित 10 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों का तबादला करना चाहता है, तो इसके लिए विभागीय मंत्री की इजाजत लेनी होगी।

प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में तैयारियों के मद्देनजर 2019 की तुलना में 2025 में 3200 हेक्टेयर की तुलना में 4000 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तार किया गया है। अनुमान है कि मौनी अमावस्या पर करीब छह करोड़ लोग आएंगे। कुंभ के लिए 2500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

योगी सरकार ने प्रदेश के 5 विश्वविद्यालयों के नामों में भी मामूली संशोधन किया है। स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार इन विश्वविद्यालयों के नाम से राज्य शब्द को हटाया गया है। महाराज सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ का नाम अब महाराज सुहेलदेव विश्वविद्यालय आजमगढ़ होगा। इसी तरह मां शाकुम्भरी देवी राज्य विश्वविद्यालय सहारनपुर, मां विंध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय मीरजापुर, मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय बलरामपुर से भी राज्य शब्द को हटाने को मंजूरी दी गई है। वहीं, उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय मुरादाबाद का नाम गुरु जंबेश्वर विश्वविद्यालय मुरादाबाद करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि प्रदेश सरकार उच्च शिक्षा का विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि प्रदेश के छात्र अपने ही प्रदेश में उच्च शिक्षा गृहण कर सकें। इसके लिए सरकारी विश्वविद्यालयों के साथ ही प्राइवेट विश्वविद्यालय को भी प्रमोट किया जा रहा है। इसी क्रम में दो नए निजी विश्वविद्यालयों को लेटर ऑफ इंटेंट देने का प्रस्ताव पारित हुआ है। इसमें एचआरआईटी गाजियाबाद और दूसरा फ्यूचर विश्वविद्यालय बरेली है। इन दोनों ने अपने सभी मानक पूरे कर लिए हैं।

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