सुप्रीम कोर्ट ने नीट (NEET) के सफल अभ्यर्थियों को एमबीबीएस और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश देने के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने पेपर लीक होने और अन्य गड़बड़ियों के आधार पर नीट-यूजी 2024 की परीक्षा फिर से कराने के अनुरोध वाली याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से जवाब मांगा है. अब अन्य याचिकाओं के साथ 8 जुलाई को मामले की सुनवाई होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा चूंकि परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है, इसलिए हमें NTA से जवाब चाहिए. NEET UG 2024 परीक्षा के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले की सुनवाई जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने की. याचिका में पूरे मामले की जांच SIT से कराने की मांग की गई है. साथ ही 5 मई को हुई NEET परीक्षा रद्द करने की मांग है, याचिका में दुबारा NEET परीक्षा कराने की मांग की गई है.
दरअसल, अंडर ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स में दाखिले के लिए होने वाली NEET परीक्षा सवालों के घेरे में है. इस बार 5 मई को हुए एग्जाम में लगभग 24 लाख छात्र/छात्रा बैठे थे. 4 जून को NTA ने परीक्षा का रिजल्ट जारी किया. जिसमें पता चला कि कुल 67 कैंडिडेट्स को 720 में से 720 नंबर मिल गए हैं. इतने कैंडिडेट्स के 100 फीसदी नंबर देखने के बाद रिजल्ट को लेकर सवाल खड़े किए जाने लगे. सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इसको लेकर कई सवाल उठाए. आरोप लगे कि रिजल्ट में गड़बड़ी हो सकती है. पेपर लीक और एक ही सेंटर में आठ टॉपर्स निकलने के भी आरोप लगे. इसको लेकर देशभर में प्रोटेस्ट किए जा रहे हैं.
इस मामले में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 8 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी. जिसमें NTA के डायरेक्टर जनरल सुबोध कुमार ने कई सवालों का जवाब दिए. NTA ने NEET के री-एग्जाम को लेकर कहा कि सभी स्टूडेंट्स का री-एग्जाम नहीं होगा, जिन कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं, उनको लेकर एक कमेटी गठित की गई है.