दुनिया का सबसे बड़ा कार्यालय सूरत डायमंड बोर्स का निर्माण करने वाली कंपनी पीएसपी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने याचिका दायर की है. मध्यस्थता अधिनियम की धारा 9 के तहत याचिका पर आज सूरत की वाणिज्यिक अदालत में सुनवाई हुई । कमर्शियल कोर्ट के जज आशीष मल्होत्रा ने डायमंड बर्स को 4 हफ्ते में 125 करोड़ की बैंक गारंटी जमा करने का आदेश दिया है.
इसके अलावा, कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सूरत डायमंड बोर्स अपने कार्यालयों या बिक्री के लिए बची अन्य संपत्तियों की नीलामी या किराए पर तब तक नहीं दे पाएगा, जब तक कि सूरत डायमंड बोर्स बैंक गारंटी जमा नहीं कर देता । इसके साथ ही तीसरे पक्ष के अधिकारों को भी बढ़ाने के लिए प्रतिष्ठित अदालत द्वारा निषेधाज्ञा जारी की गई है। पीएसपी प्रोजेक्ट लिमिटेड कंपनी की ओर से यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील मीनाक्षी अरोड़ा और हाईकोर्ट के वकील भागीरथ पटेल ने सुनाया । इसके साथ ही प्रसिद्ध गुजरात हाई कोर्ट में भी रु. 600 करोड़ के दावे की सुनवाई लंबित है.
इसे अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के पेंटागन को पीछे छोड़ते हुए भारत में निर्मित दुनिया की सबसे बड़ी कार्यालय इमारत के रूप में जाना जाता है। 80 वर्षों तक, पेंटागन दुनिया की सबसे बड़ी कार्यालय इमारत थी। हालाँकि, यह उपाधि अब गुजरात के सूरत में स्थित इस इमारत ने ले ली है। इस इमारत में एक हीरा व्यापार केंद्र भी है।